प्रभु तेरे कलयुग की लीला अद्भूत अगण निराली है! प्रभु तेरे कलयुग की लीला अद्भूत अगण निराली है!
स्वयं के अंदर विश्वास का दीपक तुम हमेशा जलाए रखना। स्वयं के अंदर विश्वास का दीपक तुम हमेशा जलाए रखना।
तुम्हें विदा तो दूंगा मैं केवल मात्र शारीरिक रूप से तुम्हें विदा तो दूंगा मैं केवल मात्र शारीरिक रूप से
आत्मा कुंठित है, अपने ही लोगों की परीक्षा में। आत्मा कुंठित है, अपने ही लोगों की परीक्षा में।
जीवन कुछ झंझावातों से गुजरकर दर्द सहन करना सिखाता रहता है। जीवन कुछ झंझावातों से गुजरकर दर्द सहन करना सिखाता रहता है।
मरने से मुश्किल है साहिब सकूं से जीना यहाँ। मरने से मुश्किल है साहिब सकूं से जीना यहाँ।